शास्त्री जी ने “सारथी” में लुप्त होते प्राचीन सिक्कों के बारे में अभी हाल ही में अपनी चिंता जताई थी. मैने भी अपनी टिप्पणी में कहा था कि प्राचीन सिक्के हमारे इतिहास के बहुमूल्य स्त्रोत हैं. कहना नहीं होगा कि इन्हे सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है. इसी प्रकार ना केवल सिक्के बल्कि हमारी पुरा संपदा हमसे संरक्षण की अपेक्षा रखती है. आए दिन हम अख़बारों में पढ़ते हैं कि फलाने जगह से मूर्ति चोरी हो गयी या फिर मूर्ति चोर धरे गये आदि.
मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला अपने पुरा वैभव के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. खजुराहो का नाम किसने नहीं सुना होगा. मऊसहानिया, जटकरा आदि के आस पास तो प्राचीन मूर्तियों का भंडार है. खेद का विषय है कि पिछले दो तीन माह के अंदर ही मूर्ति चोरी की लगभग आधा दर्जन मामले प्रकाश मे आए हैं. अनुमान है कि इस प्रकार की मूर्ति चोरी बड़े ही संघटित तरीके से की जाती है क्योंकि अंतराष्ट्रीय तस्करों से कुछ गिरोहों का समन्वय बना हुआ है. पर्यटकों के रूप में तस्कर खजुराहो आते हैं, नामी होटलों में रुकते हैं और अपने संपर्क सूत्रों के मध्यम से सौदा पटाते हैं. अक्सर ये सौदे लाखों, करोड़ों के होते हैं. मूर्तियों को बड़ी सफाई से पॅक कर नेपाल/बांग्लादेश के रास्ते भेज दिया जाता है.
प्रतिमाओं की तस्करी का यह मामला केवल छतरपुर जिले तक ही सीमित नही है. मध्य प्रदेश क्या देश के ही कई क्षेत्रों में पुरा संपदा बिखरी पड़ी है. राज्यों के पुरातत्व विभागों को अपने अपने क्षेत्र का गहन सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया था ताकि संरक्षण करने योग्य स्मारकों/भग्नावशेषों को चिन्हित कर अग्रिम कार्रवाई की जा सके. जिन क्षेत्रों में कभी मंदिर, भवन आदि थे पर अब ज़मींदोज हो गयी है, वहाँ तो मूर्तियाँ उपेक्षित होंगे ही. योजना बद्ध तरीके से उन्हें इकट्ठा कर नज़दीक के संग्रहालय मे प्रदर्शित किया जा सकता है, बजाय इसके की उन्हे तस्करों के लिए छोड़ दिया जाता. शास्त्री जी की पूर्व अनुमति के बिना ही मै यहाँ एक चित्र दे रहा हूँ जिसे देख स्पष्ट हो जवेगा कि हालात कैसे हैं.
यह जान कर थोड़ी तसल्ली हो रही है कि छतरपुर की स्थानीय पुलिस तस्करों के गिरोह को जड़ से ख़त्म करने के लिए अभियान चलाए जाने की बात कर रही है. हमारी कामना है की वे अपने प्रयास में सफल रहें.
नोट: पाठकों से निवेदन है कि “सारथी” में प्रकाशित इन पूरक लेखों को भी पढें.
१. क्यों चोरी हो रही है प्राचीन संपदा?
२. पाठकों से एक विशेष अनुरोध !