Archive for जुलाई, 2010

सावधान, आजकल ईमेल की हेकिंग हो रही है

जुलाई 26, 2010

सावधान,  आजकल ईमेल की हेकिंग हो रही है. आप के पासवर्ड को चुरा कर कोई घुस पैन्ठिया  आपकी ओर से आपके सभी मित्रों को मेल भेज रहा है. सन्देश में अधिकतर यही होता है कि वह लन्दन में लुट गया और उसे मदद चाहिए २६५० डालर  की ताकि होटल का बिल एवं टेक्सी का किराया दे सके. वेस्टर्न union के माध्यम से राशि मांगी जाती है. एक मित्र के प्रयासों से पता चला है कि यह लोग नाइजीरिया
से यह काम कर रहे हैं. एक मेल जो हमारे पास आया उसे नीचे दे रहे हैं. साथ ही ऐसे एक ब्लॉग का हवाला (यहाँ चटका लगायें)  भी जहाँ इस प्रकार के हमले से बचने के उपाय बताये गए हैं.

Hope you get this quick‏

From:
ANIL VERMA (vermanil@yahoo.com)

Sent:
26 July 2010 06:22AM

To:
vermanil@yahoo.com

How are you today, I had a visit to London,United Kingdom,Unfortunately i got mugged at a gun point last night! All cash, Credit card and phone were stolen,I’m messed up in another country, stranded in London, fortunately my passport was back in the hotel room. It really sucked and was scary too. I am sending you this message cos i don’t want anyone to panic,i want you to keep it that way for now.
My  return flight leaves tomorrow but I’m having troubles sorting out the hotel bills, Please i want you to loan me $2,650 to sort out the hotel bills and also take a cab to the airport.I have limited means of getting out of here,i canceled our cards already and made a police report, I don’t get a new card number till I get back home So I really need your help.
You can send it to my name and hotel address via Western union you would find one close to where you stay just visit (www.westernunion.com/locator )
Here are the details below:
Name : Anil Kumar Verma
Address : 31 Saffron Hills, London, EC1N 8QX England, UK
Once again i want to assure you that i will reimburse your money to you as soon as i get home.immediately you have the money transfer,please help me scan or write out the MTCN Number/Confirmation code given to you at the western union outlet.i will be waiting anxiously for your positive response.
I await your soonest reply,
A K Verma

भुबनेश्वर का प्राचीनतम मंदिर – परशुरामेश्वर

जुलाई 16, 2010

मनमोहक अलंकरणों से युक्त, सातवीं सदी में निर्मित “परशुरामेश्वर”, भुबनेश्वर का प्राचीनतम शिव मंदिर है.  यह किसने बनाया यह तो नहीं मालूम परन्तु संभवतः पूर्वी गंग वंश के शासन काल का है. हमसे एक बड़ी भूल हो गयी. ऐसे ऐतिहासिक स्थलों के दर्शनार्थ जाने के पूर्व उनसे सम्बंधित साहित्य से परिचित हो लेना चाहिए था. ऐसा करने पर हम वहां की कला को समझने में अधिक सक्षम होते. यह मंदिर मुक्तेश्वर, जिसकी चर्चा पिछले पोस्ट में की थी, से एक छोटे मैदान को पार कर पहुंचा जा सकता है. जब हमलोग चल ही रहे थे, तो कई कोयलों का सहगान  मानो हमें आमंत्रित भी कर रहे थे.

पश्चिम मुखी यह मंदिर  परिसर दीवार से  घिरा और सड़क से लगा हुआ है. सामने से एक प्रवेश  द्वार के अतिरिक्त दक्षिण दिशा में भी एक द्वार बना हुआ है. यहाँ कौतूहल का विषय था, इस मंदिर के जगमोहन (मंडप) का सपाट

परन्तु सुन्दर रूप. जगमोहन के तीनों तरफ छज्जा बना है और ऊपर थोड़ी सी ढलान लिए छत. छत और छज्जे के बीच अंतराल में चौकोर चौकोर  खाली जगह छोड़ी गयी है जिससे अन्दर वायु का संचारण बना रहे. साधारणतया ऐसे सभी मंडप पिरामिड नुमा होते हैं. गर्भगृह (यहाँ देउल कहते हैं) के ऊपर १९ मीटर ऊंचा  शिखर त्रिरथ शैली में बना  है जो उस   काल विशेष  की विशेषता  रही  है. मंदिर शिखर के पृष्ठ भाग में और अन्यत्र लकुलीश को अपने शिष्यों सहित  बुद्ध की भांति  ध्यान मुद्रा में दर्शाया जाना इस बात की ओर इंगित करता है कि उस काल में पाशुपत सम्प्रदाय का वर्चस्व था.

वाह्य दीवारों पर पालतू हाथियों द्वारा जंगली हाथियों को पकड़ने,  प्रेमातुर युगल,  सप्त मातृकाएं,  और नाना देवी देवताओं को बड़े ही मोहक ढंग से बनाया गया है. शैव मत के मिथकों को भी बड़ी सजीवता से दर्शाया गया है.

गणेश और कार्तिकेय भी विद्यमान हैं. हाथियों पर सिंहों को आसीन दिखा कर प्रतीकात्मक रूप से बौद्ध धर्म के दुर्बल पड जाने को भले ही रूपांकित किया गया हो, मंदिर का  कलापक्ष, बौद्ध धर्म के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाया. इसका प्रमाण जगमोहन के वाह्य दीवार पर बौद्ध स्तूप का उकेरा जाना है.  वहीँ लकुलीश को भी बुद्ध जैसा दिखाया जाना है.

मंदिर के प्रांगण में ही सामने बायीं तरफ किनारे  एक सहस्त्र लिंग है. हमने तो उसे मात्र एक खूंटा समझ ध्यान ही नहीं दिया. हमारी भतीजी गौरी ने आवाज देकर बुलाया और कहा देखो इसमें क्या है. देखा तो पाया कि वह एक ४ फीट का शिव लिंग है जिसमें छोटे छोटे शिव लिंग अलग  अलग स्तर पर बने हुए हैं. एक २० मंजिली ईमारत जैसा. कितनी मेहनत की होगी उस बेचारे कलाकार ने! इससे प्रेरणा लेकर अपने यहाँ भी कोई बहुत ऊंचा सा टावर बनाया जा सकता है. हमारा चित्र उतना स्पष्ट नहीं है फिर भी एक अनुमान लगाया ही जा सकता है.

मंदिर के प्रांगण में यह बालक विश्राम कर रहा था और हम लोगों को देख  उठ बैठा. अपनी भाव भंगिमाओं से उसने अपना मंतव्य  स्पष्ट कर दिया.

चित्रों का रसास्वादन करें. बस इतना कह कर हम अपना स्थान लेते हैं.

पहले तीन और अंतिम दो चित्रों पर चटका लगा कर सूक्ष्मता से बड़े आकार में देख सकते हैं.

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