कुछ ही दिन पहले गिरिजेश जी को कुत्ते के काटने और उसपर मलाई लगाने सतीश सक्सेना जी की पोस्ट पढ़ी थी. तभी अचानक हमें भी कुत्ते के बारे में एक बात याद आ गयी. ऐसे ही तो पोस्ट बन जाते हैं.!
तामिलनाडू में चेन्नई के दक्षिण में १९० किलोमीटर की दूरी पर एक जिला मुख्यालय है तिरुवन्नामलई. यहाँ १० वीं सदी का एक प्रख्यात शिव मंदिर है. यहाँ शिवजी अग्नि रूप में पाए जाते हैं. यह भी प्रख्यात है कि इस बस्ती में सिद्धि प्राप्त लोगों (योगियों) का वास है. वैसे रमण महर्षि, जिन्हें सिद्ध पुरुष माना जाता है, वे भी यहाँ रहे हैं और उनका आश्रम भी है.
हमारा एक छोटा भाई चेन्नई में पदस्थ है. उनके कार्यालय के कुछ लोगों ने तिरुवान्नामलई जाने का कार्यक्रम बनाया. पौर्णमि की रात अरुणाचल की पहाड़ी के १४ किलोमीटर लम्बी परिक्रमा का विधान हैं. अर्धरात्रि मंदिर में दर्शन के बाद परिक्रमा प्रारंभ होती है. जब वे लोग निकलने ही वाले थे, तो एक कुत्ता उनके सामने आकर खड़ा हो गया. हमारे भाई ने कुत्ते से कहा, आ जा तू भी पुण्य कमाले. तेरा जीवन सफल हो जाएगा. भाई के मित्र ने टोका भी कि क्यों कुत्ते के मुह लग रहे हो. बात वहीँ ख़त्म हो गयी थी.
थोड़ी देर में ही पाया गया कि कुत्ता आगे बढ़ कर इस ग्रुप का इंतज़ार कर रहा है. कुत्ता इनके साथ साथ चलता रहा. बीच में कई अड़चने आयीं जैसे दूसरे कुत्ते का क्षेत्र जिसमे हमारे कुत्ते को जूझना पड़ा परन्तु उसने विजय हासिल कर ली. ऐसे ही कई पाडाव आये और वह कुत्ता अपनी यात्रा पर कायम रहा. बीच में किसी चाय की दूकान में इस समूह ने चाय भी पी , उस समय कुत्ता काफी दूर इंतज़ार में लगा रहा, मानो उसे खाने पीने में कोई रूचि न हो. फिर आगे बढे. दूसरे कुत्तों के कई इलाके आये और सब से जूझता हुआ यह कुत्ता साथ देता गया. सबसे बुरी बात तो यह थी कि इन लोगों ने उस कुत्ते को पूरे रास्ते भर खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया जब की वह उनकी सुरक्षा के लिए स्वयमेव आ खड़ा हुआ था.
उस पहाड़ का चक्कर लगाने के बाद यात्रा मंदिर जाकर ही समाप्त होती है. वह कुत्ता पूरे राह में उस ग्रुप के साथ ही चलता रहा और अंत में मंदिर के मुख्य गोपुरम के आगे दंडवत हो गया. वह अन्दर नहीं गया. संभवतः उसे मालूम था कि उसका अन्दर जाना वर्जित है. संभवतः वह कुत्ता भी सिद्ध ही था.
कभी कभी लगता है कि आदमी से कुत्ता ही ज्यादा समझदार है.
चित्र धुन्दले हैं क्योंकि मोबाइल फोन से उतारे गए थे परन्तु संवाद के लिए उन्हें सक्षम समझें.